जयपुर
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को श्रीगंगानगर स्थित नई धान मंडी में किसानों को विक्रय स्लिप प्रदान करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों खरीद का विधिवत शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर किसानों एवं व्यापारियों से संवाद करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान को पूरा सम्मान और सुरक्षा के साथ ही उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाना हमारा ध्येय है। हमारी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का किसानों के बैंक खातों में सीधा भुगतान समय पर सुनिश्चित कर रही है। इसी दिशा में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वर्ष 2025-26 में सरसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 5 हजार 950 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है तथा इस साल 13 लाख 22 हजार मीट्रिक टन सरसों की खरीद का लक्ष्य रखा है। इसी तरह सरकार 5 हजार 650 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी के आधार पर 5 लाख 46 हजार मीट्रिक टन चना की खरीद करेगी।
हमारी सरकार ने एमएसपी खरीद की सीमा को बढ़ाया
श्री शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2022-23 में सरसों का एमएसपी 5 हजार 50 रुपये था, जिसमें हमारी सरकार ने 900 रूपये तक की बढ़ोत्तरी की है। साथ ही एमएसपी पर खरीद के लिए प्रति किसान 25 क्विंटल की सीमा को बढ़ाकर 40 क्विंटल किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार ने सवा साल के समय में अब तक 4 लाख 85 हजार मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद की है जबकि पिछली सरकार ने अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में केवल 5 लाख 53 हजार मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद की थी। साथ ही हमारी सरकार ने मूंगफली के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5 हजार 850 रुपये से बढ़ाकर 6 हजार 783 रुपये प्रति क्विंटल किया है।
किसानों की समृद्धि के लिए कार्य कर रही राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की समस्याओं को दूर करते हुए उनकी समृद्धि के लिए कार्य कर रही है। इसी दिशा में हमारी सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बोनस को बढ़ाकर 150 रुपये एवं किसान सम्मान निधि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये किया है। साथ ही, किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने से लेकर वर्ष 2027 तक दिन में बिजली उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा, जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।